घमंड पर एक कविता

घमंड पर एक कविता

प्यारे मित्रों आपका हमारी वेबसाइट सबका मनोरंजन पर स्वागत है।आज हम आपके लिए एक बालकविता लाए हैं जिसका शीर्षक है घमंड पर एक कविता

एक था बच्चा बड़ा ही प्यारा

घर में सब का राज दुलारा।

सुबह शाम वो नित्य ही पढ़ता

सही समय हर काम था करता

जब उसका था रिजल्ट आया

वह तो फूला नहीं समाया

बोला इस सेमेस्टर में मैंने

बहुत बड़ा काम करके दिखलाया

उसने अपने नंबरों को

सारे मोहल्ले वालों को दिखाया

कई दिनों तक खुशी के कारण

चैन से भी वो नहीं सो पाया

जब थोड़े दिन बीत गए तो

उस पर घमंड ने ज़ोर दिखाया

पढ़ना नहीं रहा पहले सा

अब तो बस वह खेलता रहता

सोचा उसने मैं बड़ा ही ज्ञानी

सफलता की दोहरा दूंगा कहानी

धीरे-धीरे समय था बीता

आ चुके थे फाइनल पेपर

जब दो तीन रात बची तो

वह करने चला अपनी तैयारी

जब हाथ में पेपर आया

सिट्टी पिट्टी गुम हुई सारी

वह तो सब में फेल हो गया

घमंड ने उसकी शख्सियत बिगाड़ी

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