दीपावली पर कवितायें | Beautiful poems on diwali
दोस्तों इस वर्ष दीपावली का त्यौहार 19 october thursday के दिन मनाया जायेगा |इसे साल का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है |इस दिन श्री राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापिस आए थे इसी खुशी को मनाने के लिए अयोध्या -वासियों ने अपने घरों में दीपक जलाकर और मिठाइयाँ बांटकर इस त्यौहार की शुरुवात की थी तब ही से हमारे देश में हर वर्ष
कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दीपावली का त्यौहार बड़े ही हर्ष-उल्लास के साथ मनाया जाता है |तो आइये शुरू करते हैं हमारी post दीपावली पर कवितायें | Beautiful poems on diwali |
दीपावली पर कविता |यह रौशनी का त्यौहार है
यह रौशनी का त्यौहार है
दुल्हन सा सजा घर-बाज़ार है
जहां तलक भी नज़र है जाती
दिखता सुंदर प्रकाश ही प्रकाश है
बर्फी बिक रही कहीं और कहीं मोदक
मिठाई की दुकानों में भी छाई है रौनक
मिल रही सुंदर-सुंदर सजाने की झालर
रामजी के स्वागत को सभी ही बेकरार हैं
जहां तलक भी नज़र है जाती
दिखता सुंदर प्रकाश ही प्रकाश है
क्या बच्चे और क्या नर -नारी
जमकर की है एक-एक ने तैयारी
पहना सभी ने आज नया लिबाज़ है
मन में देखो बहुत ही हर्ष-उल्लास है
जहां तलक भी नज़र है जाती
दिखता सुंदर प्रकाश ही प्रकाश है
कोई दीप जलाये और रंगोली बनाये
कोई फूलों से घर-दुकान को महकाये
रामजी के साथ-साथ लक्ष्मी-गणेशजी का
आज तो सभी जतनों से करना सत्कार है
जहां तलक भी नज़र है जाती
दिखता सुंदर प्रकाश ही प्रकाश है
दीपावली पर कविता |आओ हम सब दीप जला लें
आओ हम सब दीप जला लें
मन में साथ ही कुछ ऐसा ठानें
औरों को छोटी-छोटी खुशियाँ देकर
इस दीपवाली के उत्सव को मना लें
बाटें गरीब बच्चों में मिठाइयाँ
जो कोई हो बुरे हाल में बैठा
आज उसे दो कपड़े दिलवा दें
और भरपेट भोजन करवा दें
किसी से आज सच्ची दुआएं पा लें
औरों को छोटी-छोटी खुशियाँ देकर
इस दीपवाली के उत्सव को मना लें
ना हम बड़े-बड़े बम्ब छुड़ाएँ
हवा में जहर को ना और बढ़ाएँ
इससे बेहतर होगा की हम सब
मिट्टी का कुछ समान खरीदकर
एक गरीब के घर में खुशियाँ लाएँ
औरों को छोटी-छोटी खुशियाँ देकर
इस दीपवाली के उत्सव को मना लें
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आपकी लिखी रचना “पांच लिंकों का आनन्द में” मंगलवार 17 अक्टूबर 2017 को लिंक की गई है……………… http://halchalwith5links.blogspot.com पर आप भी आइएगा….धन्यवाद!
सूचना देने के आपका आभार यशोदाजी |
सुन्दर ।
धन्यवाद जोशीजी |
बहुत-बहुत धन्यवाद सुधाजी |