पापा के लिये कविता | पापा आप हो तो फिर क्या कमी  है

पापा के लिये कविता |पापा आप हो तो फिर क्या कमी  है

दोस्तों हमारे जीवन में पापा की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहती  है | वह हमारे लिये हमारा आदर्श होते हैं एक वो ही होते हैं जो बाहर से बहुत सख्त दिखते हैं मगर अंदर से बहुत भावुक और नर्म होते हैं |

पिता हमेशा हमारे परिवार की एक घने पेड़ की तरह कठिनाइयों की धूप से रक्षा करते हैं |चांहे कैसे भी हालात हों वो हमेशा संयम से काम लेते हैं | पिता के साये तले पूरा परिवार हँसता-खेलता रहता है| हमारी यह पोस्ट पापा के लिये कविता | पापा आप हो तो फिर क्या कमी  है हम सबके पापाओं  को समर्पित है |

 

पापा के लिये कविता |पापा आप हो तो फिर क्या कमी  है

 

पापा आप हो तो

फिर क्या कमी  है

आपसे ही हमारी

होठों की हंसी है

आपसे कभी ना

कोई बात छिपी है

हमको कोई भी

परेशानी हो आई

चुटकी बजाके

 आपने दूर करदी है

आपकी डांट तो

प्यारी  लगती है

उसको पाकर हमें

बुद्धि जो मिली  है

बचकानी बातें अनगिनत

हमने  जो की थी

आपने सारी माफ करी हैं

संस्कार या सही आचरण

सीख आपसे सभी मिली हैं

जब रात को ठंड से काँपा

आपने कंबल मुझे उढा दी है

हम सब आपकी

आँख के तारे पापा

 पर चमक हमारी

आपके दम से ही है

friends यदि आपको हमारी यह पोस्ट” पापा के लिये कविता | पापा आप हो तो फिर क्या कमी  है”पसंद आए तो आप इसे अपने पापा को ज़रूर सुनाएँ  |आप यह भी पढ़ सकते हैं |

 

 

 

 

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