बच्चे पर कविता | भोला मन और चंचल तन
दोस्तों आज हम बच्चों पर बाल कविता लेकर आये हैं जिसका शीर्षक है भोला मन और चंचल तन | दोस्तों हमसब की जिंदगी में कोई ना कोई बच्चा जरुर होता है, भाई, बहन ,बेटा ,भतीजा किसी भी रूप में बच्चे हमारी जिंदगी में आ जाते हैं |इनके आने के बाद हमारी जिंदगी में अनेकों रंग भर जाते हैं,तो आइये जानते हैं कुछ बच्चों की अनोखी बातें इस कविता के माध्यम से |
बच्चे पर कविता | भोला मन और चंचल तन
एक बच्चे का होता है
भोला मन और चंचल तन
नहीं चिंता ये तो रहते
खुश हरदम बहुत मस्त मगन
अदभुद बातें सुन कर इनकी
हंस जाते हैं कभी तो
कभी खो जाते हैं हम
अंजान बड़े इस दुनिया से
पल में हैं रुस जाते
और हो जाते राजी भी
ये तो अगले ही पल
एक छोटे से खिलौने को
पाकर भूल जाते हैं ये
बड़े से बड़ा भी गम
परी रानी ही आती हैं
सपने में इनके हर दम
बड़ा होकर ये चाहें बनना
या पुलिस या फिर सुपरमैन
कोई ना कभी इन्हे सताये
मिलती रहें इन्हे सबकी दुआएं
माँ-बाप तो हमेशा चाहें
ले लें इनकी सारी बलाएँ
मित्रों आपको हमारी पोस्ट बच्चे पर कविता | भोला मन और चंचल तन कैसी लगे ये ज़रूर बताएं |आप
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