बच्चे पर हास्यकविता “घर आया एक खिलौना प्यारा”:
बच्चे पर हास्यकविता “घर आया एक खिलौना प्यारा” दोस्तों हमारी इस पोस्ट में आपको एक छोटा बच्चा जोकि परिवार के लिए एक खिलौना है उसकी कुछ सुंदर -सुंदर शैतानिया और नादानियां देखने को मिलेंगी |
“बच्चे पर हास्यकविता “घर आया एक खिलौना प्यारा “
घर आया खिलौना प्यारा
सारे घर का राजदुलारा
बिन चाबी के फुदके जाए
सारे घर में शोर मचाए
माता-पिता की आँख का तारा
घर आया खिलौना प्यारा
जब घुटनों पर दौड़े जाए
पीछे -पीछे मम्मी आए
अपनी मम्मी की वो देखो
खूब परेड करवाने वाला
घर आया खिलौना प्यारा
दादा की मूछों को खींचे
कंधों पर ही जाकर बैठे
सबसे पहले डोर बेल सुन
गेट तक पहुँचने वाला
घर आया खिलौना प्यारा
टूटा है दादी का चश्मा
ऊन भी हुई अब यहाँ- वहाँ
बस गोदी में उनकी जा बैठे
सीखना हो जैसे उसे भी बुनना
घर आया खिलौना प्यारा
पापा का अखबार है गायब
फोन की हालत हुई खस्ता
ड्यूटी से आ लग गयी ड्यूटी
मुन्ने को घुमाना यहाँ- वहाँ
सारी शैतानियाँ देख इसकी
सब का होता इसपर दिल आना
हर परिवार में होना चाहिए
ऐसा ही एक खिलौना प्यारा
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सुंदर बाल रचना …
बच्चों को ऐसी रचनाएँ सदा आकर्षित करती हैं ..
कविता सराहने के लिए आभार दिगंबरजी |