बाल कविता चिंटू का बहाना

बाल कविता चिंटू का बहाना

दोस्तों पढ़ने के नाम से हर बच्चा नया- नया बहाना बनाने लगता है and अगर खेलने को कह दें तो उसे कोई प्रोब्लम नहीं होती है |इन दिनों तो बच्चे और भी ज्यादा फोन लेते हैं और गेम खेलते हैं, उन्हे पढ़ाना बहुत कठिन हो गया है|कुछ इसी तरह की हरकत इस पोस्ट बाल कविता चिंटू का बहाना में चिंटू नाम का बच्चा दिखा रहा है|इस हास्यप्रद बाल कविता से यह पता लगता है कि बच्चों को पढ़ाना वाकई बहुत बड़ा काम होता है

बाल कविता चिंटू का बहाना

मम्मी ने जब पढ़ने को कहा
तब ही चिंटू का पेट दुखा
फिर थोड़ा आराम कर लिया
तो माँ ने पढ़ने को था कहा
अब उसको थी भूख गयी
तो मम्मी ने खाना खिला दिया
फिर उसने था यह कह दिया
अब थोड़ी नींद है आई माँ
क्या मैं उठ कर पढ़ सकता
मम्मी फिर से मान गयी
और उठने की थी राह तकी
देखते देखते ही शाम हुई
फिर बज गयी घर की घंटी
बच्चों का एक झुंड हांथ में
फुटबाल लेकर पहुँच गया
झट से चिंटू की आँख खुली
वो दोस्तों संग पार्क में भाग गया
दो घंटे बाद जब घर लौटा
फिर से खाने का वक़्त हुआ
खा के पीके जब वो बैठा
फिर से माँ ने था टोक दिया
पहले बोला के थका हूँ माँ
पर माँ की लाल आँखें देख
वो चुपचाप पढ़ने को बैठ गया
पाँच मिनट भी हुए नहीं थे
माँ ने जब फिर जायजा लिया
चिंटू भैया सोये पड़े थे
कहीं थी किताब तो कहीं पेन पड़ा

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