
बेटी पर कविता |बेटियों की बात निराली
दोस्तों बेटी वो कीमती हीरा है जिसे हमे खुशी – खुशी किसी और को सौंप देना होता है |लेकिन जब तक घर में बेटी रहती है वहाँ खुशियां बरसती हैं | जहां बेटी नहीं हो वो आँगन तो मानो सूना सा ही लगता है | दोस्तों हमारा आपसे भी कहना है की हम सब को कन्या भ्रूण हत्या का विरोध करना चाहिए और इस कुरीति का अंत करने का प्रयास करना चाहिए |तो आइये अब हमारी पोस्ट “बेटी पर कविता |बेटियों की बात निराली” पढ़ते हैं:-
बेटियों की बात निराली
ये तो लगतीं बहुत हैं प्यारी
कुदरत की ये सुंदर रचना
सारे घर की होती हैं दुलारी
बेटियों की बात निराली
बेटियों की बात निराली
जब इनकी मुस्कान खिले तो
लगती है खिली हो फुलवारी
कितनी चंचल कितनी नटखट
पटर – पटर सब बात बतानी
बेटियों की बात निराली
बेटियों की बात निराली
माँ की होती हैं परछाई
संभाल सकती घर की ज़िम्मेदारी
बचपन से ही आ जाती इनको
सारे जहां की समझदारी
बेटियों की बात निराली
बेटियों की बात निराली
बेटी है बेशकीमती हीरा
चमका दे घर आँगन द्वारी
जिसको बेटी धन मिल जाए
कमी नहीं कोई रह जानी
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