
ब्रज की होली पर गीत
दोस्तों होली का त्योहार जल्द ही आने को है तो हमने भी अपनी पोस्ट ब्रज की होली पर गीत बनाने की सोच ली|दोस्तों होली का त्योहार तो बहुत ही आनंदमय होता है इस दिन सब लोग पुराने लड़ाई झगड़ों को छोड़ कर दुश्मनों को भी दोस्त बना लेते हैं और एक दूसरे को गुलाल लगा कर गले मिल लेते हैं |लेकिन ब्रज की होली बहुत ही खास होती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि श्री कृष्ण ने सबसे पहले राधा रानी संग होली खेली थी |
ब्रज की होली कई दिनों पहले से शुरू हो जाती है |यहाँ लट्ठमार और फूलों की होली खेलने की प्रथा है |यहाँ दूर दूर से फूल मंगा कर उन से अबीर गुलाल बनाया जाता है |ब्रज की होली देखने के लिए देश विदेश से लोग यहाँ पहुँचते हैं|आइये अब पढ़ते हैं हमारी पोस्ट ब्रज की होली पर गीत|
ब्रज की होली पर गीत
आज बिरज में धूम मची है
हर एक गली गुलाल से महकी है
कोई बन गया नन्द लाल
आज राधिकाएं भी खूब सजी हैं
आज बिरज में धूम मची है
आए दूर -दूर से हुरियारे
लेकर पिचकारी और गुलाल
गोपियाँ भी बाहर आयी
करके तेल से लट्ठ को तैयार
आज बिरज में धूम मची भाई
आज बिरज में धूम मची है
जब ग्वालों ने करी मनमानी
लाल-हरी हुई सब बृज की रानी
फिर तो अपनी लठियों से
हंस – हंस किए उन पर प्रहार
आज बिरज में धूम मची भाई
आज बिरज में धूम मची है
जब गोपियाँ भांग पिलाएँ
हुरियारे फिर रंग जमाएँ
होली के रसिया पर वो तो
थिरक -थिरक कर नृत्य दिखाएँ
आज बिरज में धूम मची भाई
आज बिरज में धूम मची है
कहीं हो रही फूलों की वर्षा
कहीं म्रदंग और ढ़ोल बजे हैं
हर्षित है अब बच्चा -बच्चा
प्रीत के रंग डूबे नर नारी
आज बिरज में धूम मची भाई
आज बिरज में धूम मची है
ऐसा सुंदर दृश्य देख के
नाचे राधा और घनश्याम
आज धरा पर उतर गए
वो रोक ना पाये अपने पाँव
आज बिरज में धूम मची भाई
आज बिरज में धूम मची है
दोस्तों यह थी ही हमारी” ब्रज की होली पर गीत ” पर छोटी सी पोस्ट हम आशा करते हैं कि आपको जरूर पसंद आएगी |
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