
भगवान भोले का लेटेस्ट भजन “जब ,भोले संग लगन लगी”
प्यारे मित्रों आपको सावन की शिवरात्रि की अभी से बधाई हमारी आज की इस पोस्ट भगवान भोले का लेटेस्ट भजन में आप को बहुत सुंदर शिव जी का भजन “जब ,भोले संग लगन लगी” पढ़ने को मिल रहा है ।हम उम्मीद करते हैं कि ये भजन आपको ज़रूर पसंद आएगा।
जब ,भोले संग लगन लगी,हो जब, भोले संग लगन लगी
तो परवाह है अब किसकी ,हो परवाह है अब किसकी
वो खुद ही सम्भालेगा ,वो खुद ही बचा लेगा – २
वो खुद ही पार लगा देगा ,जीवन की कश्ती
जिसने नीलकंठ पर सब कुछ छोड़ दिया – २
बाल भी बाँका ,ना शंकर ने होने दिया – २
हंसकर विष प्याला पी गए – २
हाँ, पर ये दुनिया बचा दी ।
जब ,भोले संग लगन लगी,हाँ जब भोले संग लगन लगी
तो परवाह है अब किसकी , हाँ परवाह है अब किसकी
जिसने एक बारी त्रिपुरारी का नाम जपा – २
फिर ना आयी जीवन में कोई व्याधा – २
क्या जंतर , क्या जादू -टोना – २
हाँ ,सब बलाएँ ,हटा दीं ।
जब ,भोले संग लगन लगी,हाँ जब भोले संग लगन लगी
तो परवाह है अब किसकी , हाँ परवाह है अब किसकी
जिसने कैलाशपती को अपना मान लिया – २
उसका जग में सबसे ऊँचा नाम हुआ – २
एक जनम या दो जनम नहीं – २
जन्मो जन्मो की ही खुश हाली है कर डाली ।
जब ,भोले संग लगन लगी,हो जब, भोले संग लगन लगी
तो परवाह है अब किसकी ,हो परवाह है अब किसकी
वो खुद ही सम्भालेगा ,वो खुद ही बचा लेगा – २
वो खुद ही पार लगा देगा ,जीवन की कश्ती
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