
ये कैसे हैं लोग यहाँ / दर्द भरी हिंदी कविता
दोस्तों आजकल बहुत ही दुखद माहोल चल रहा हे कोरोना ने इस बार तो बहुत ही बुरा तांडव मचा रखा हे वो भी भारत जैसे विशाल देश में,अब जीना बहुत ही कठिन्हो गया हे वाइरस हो या इंसान हर एक दूसरे के दुश्मन साबित हो रहे है हमारी ये कविता उन लालची लोगों के व्यक्तित्व को दर्शाती हे जो इस संकट की घड़ी में मद्द करने की जगह सिर्फ़ अपना मुनाफ़ा देख रहे हैं ;
ये कैसे हैं लोग यहाँ
संकट में भी देखें फ़ायदा
किसी के सर पर मौत खड़ी
ये लगाएँ दवा और आक्सीजन की बोलियाँ
अब मर तो चुकी है मानवता
ना जाने कल और क्या हर्श होगा
देख कर हज़ारों का गिड़गिड़ाना, बिलखना
इनका कलेजा ज़रा भी नहीं पसीजा
यह भी पढ़ें – माँ के लिए कविता
YouTube पर देखें – भगवद गीता अध्याय ३ का हिंदी अनुवाद