
वक़्त पर एक दिल को छू लेने वाली कविता
दोस्तों वक़्त बाद में बदलता है लेकिन दुनिया उस से पहले ही बदलने लगती है बुरा वक़्त ही आपको अपने और पराये की सही पहचान कराता है| कुछ इस ही तरह की स्थिति का अवगत कराती हुई पेश है हमारी आज की यह पोस्ट “वक़्त पर एक दिल को छू लेने वाली कविता
वक़्त थोड़ा सा बदले तो
इंसान बदल जाते हैं
जो पहले थे बेहद करीब
अब दूर नज़र आते हैं
जब थे तुम सुख में तो
ये संग- संग घूमे
कहते तुमसे ये
बहुत तुम्हारे हैं अपने
लेकिन सच्चाई भी
जल्द आ जाती सामने
जब तुम पर सुख – सुविधा
लगती हो घटने
ये गिरगिट की तरह से
हैं रंग बदलें
अब तुम से मिलने से
हैं कतराया करते
तब ही तो बड़े बूढ़े
कह गए एक बात
सुख के तो हैं सब साथी
पर दुःख में न कोई साथ निभाए
ऐसे लोगो से बच के रहना
ये दे जाते हैं
बड़े ही गहरे घाव
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