हौसले पर कविता
दोस्तों कैसे हैं आप सब , ठीक ठाक, हम तो भगवान से हमेशा कामना करते हैं की आप सब हमेशा खुश और मस्त रहें |आज हम जो पोस्ट लाये हैं उसका शीर्षक है हौसले पर कविता |
हौसले पर कविता
हौसले के पंख लगाकर
उड़ बुलंदी के आकाश में
तुझसे ज्यादा ना किसी में दम
इस बात को मन में ठान ले
हौसले के आगे झुक जाए
बड़े से बड़ा भी शत्रु
हौसला गर हो किसी में
तो मुट्ठी में हो सारा जहां
हौसले के बल पर ही कुछ
लोग बन गए एक मिसाल
चाहे झाँसी की रानी हो
या भगत सिंह या हो सुभाष
चाहे कैसा भी वक़्त आए
बस हौसला तुम ही मत छोड़ना
हौसला वो गुण होता जो कि
राई को पर्वत है बना सकता
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बहुत ख़ूब
आभार ,श्यामजी |
बिलकुल सही लिखा है …
होंसला जरूरी है किसी भी काम में … सुन्दर लिखा है …
बहुत-बहुत आभार नसवा जी ।
हौसले से ही मुश्किलों पर विजय पाई जा सकती हैं। सुंदर प्रस्तुति, अर्चना।
कविता सराहने के लिए आपका बहुत आभार ज्योतिजी ।