
hindi poem for mother | माँ के लिए
प्यारी कविता
दोस्तों माँ की ममता और स्नेह को शब्दों में बयान करना बहुत ही कठिन होता है इस के बारे में जितना कहो उतना कम लगता है |
माँ के समान इस दुनिया में ना तो कोई है और ना कोई होगा |भगवान को पता था के वो हर जगह नहीं रह सकते शायद इसीलिए ही उन्होने माँ को बना दिया |
माँ की हमारे जीवन में कमी को व्यक्त करती “बहुत याद आती हो मुझको माँ”और माँ के विभिन्न रूपों को दर्शाती “माँ होती है दया की मूरत “यह दोनों कवितायें इस पोस्ट में पढ़ें |
1.बहुत याद आती हो मुझको तुम माँ
बहुत याद आती हो मुझको तुम माँ
ये जीवन तो तुम बिन है लगे सूना
तब तुम ही तो देती थीं मुझे प्रेरणा
जब खुद को समझता मैं हारा हुआ
तब तुम ही तो बनती थीं रोशन दिया
जब नए रास्तों से मैं डरने लगा
तब तुमने आँचल में छुपा के रखा
जब दुनिया ने डाली गलत थी निगाह
तब तुमने गले से लिपटा लिया
जब पापा ने डांटा मैं सहमा हुआ
आज फिर से क्यों ना आती तुम माँ
मैं अकेला यहाँ और अंधेरा घना
2.माँ होती है दया की मूरत
माँ होती है दया की मूरत
माँ होती प्रेम की तस्वीर
जब बालक पर विपत्ति आती
लेती है भयानक रूप भी
माँ होती है कोमल हृदया
माँ होती शांत और शील
जब बालक ने आवाज़ लगाई
बनती बिजली सी चपल भी
माँ होती है गंगा सी पावन
माँ चमके कभी कंचन सी
जब बालक ने कुछ मांग लिया तो
न्योछावर कर दे तन -मन भी
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माँ के साथ ही शुरू होता है ये जीवन और माँ ही जीवन का सार है …
बहुत ही सुन्दर रचना है …
सुन्दर।
सरल शब्दों में बचपन को समर्पित रचना।
उम्दा लिखा अर्चना जी।
लिखते रहिये।
बधाई एवं शुभकामनाऐं।
बहुत – बहुत धन्यवाद यादवजी